मानक भाषा के लक्षण
1. वह व्याकरणसम्मत होती है।
2. वह सर्वमान्य होती है।
3. वह सुस्पष्ट, सुनिर्धारित एवं सुनिश्चित होती है। उसके सम्प्रेषण से काई भ्रान्ति नहीं होती।
4. उससे क्षेत्रीय अथवा स्थानीय प्रयोगों से बचने की प्रवृत्ति होती है, अर्थात् वह एकरूप होती है।
5. वह हमारे सांस्कृतिक, शैक्षिक, प्रशासनिक, संवैधानिक क्षेत्रों का कार्य सम्पादित करने में सक्षम होती है।
6. वह नवीन आवश्यकताओं के अनुरूप निरन्तर विकसित होती रहती है।
7. नये शब्दों के ग्रहण और निर्माण में वह समर्थ होती है।
8. वैयक्तिक प्रयोगों की विशिष्टता, क्षेत्रीय विशेषता अथवा शैलीगत विभिन्नता के बावजूद उसका ढाँचा सुदृढ़ एवं स्थिर होता है।
9. उसमें किसी प्रकार की त्रुटि दोष मानी जाती है।
10. वह परिनिष्ठित, साधु एवं संभ्रान्त होती है