मेरी कहानी ही कभी तेरी भी कहानी
आज कहानी जो मेरी है,
कभी तेरी भी हो सकती है।
आग भड़काने वाली हकीकत,
कभी तेरी भी हो सकती है।।
आज तेरा यों चुप रहना,
कल सलामती कैसे लाएगा।
जिसने मुझे मुरझा दिया वो,
कभी तुझको भी मुरझा जायेगा।।
आज उनकी आंखें नम है,
जो हरदम मेरे संग थे।
उन्हें क्या पता था उनके,
सपने अधूरे और बेरंग थे।।
इस खौफनाक मंजर ने,
सारा जहां ही हिला दिया।
भगवान आखिर तूने कैसे,
ऐसा शैतान बना दिया।।
मेरी बेबसी, लाचारी को,
मेरी कमजोरी न समझना।
मेरा गम भुलाने से पहले,
खुद को तुम संभाल लेना।।
आज हर रूह कांप उठती है,
वह चिंगारी जब दिखती है।
मुझे जलाकर हंसने वाले,
तेरे घर में भी बहन-बेटी रहती है।।
पूनम सुराणा, जालना, महाराष्ट्र