व्यंजन वर्ण : परिभाषा और प्रकार

व्यंजन वर्ण : परिभाषा और प्रकार


 


जो ध्वनियाँ स्वरों की सहायता से बोली जाती हैं, उन्हें व्यंजन कहते हैं।


जब हम क बोलते हैं तब उसमें क् + अ मिला होता है।


इस प्रकार हर व्यंजन स्वर की सहायता से ही बोला जाता है।


इन्हें पाँच वर्गों तथा स्पर्श, अन्तस्थ एवं ऊष्म व्यंजनों में बाँटा जा सकता है।


स्पर्श-


क वर्ग - क् , ख् , ग् , घ् , ङ् 


च वर्ग - च् , छ् , ज् , झ् , ञ्


ट वर्ग – ट् , ठ् , ड् , ढ् , ण्


त वर्ग -त् , थ् , द् , ध् , न्


प वर्ग - प् , फ्, ब् , भ् , म्


 


अन्तस्थ - य् , र् , ल् , व्


 


ऊष्म –श् , ष् , स् , ह्


 


संयुक्ताक्षर - इसके अतिरिक्त हिन्दी में तीन संयुक्त व्यंजन भी होते हैं। 


क्ष – क् + ष्


त्र - त् + र्


ज्ञ – ज् + ञ्


हिन्दी हिन्दी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन अर्थात् कुल 44 वर्ण हैं तथा तीन संयुक्ताक्षर हैं।