बुद्धिजीवी (कविता)

बुद्धिजीवी



 


डॉ. अनिता एस. कर्पूर 'अनु', बेंगलूरु (कर्नाटक) भारत


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मुखौटा पहन बुद्धिजीवी का


घूम रहा है विद्रोही


मोहासक्त व्यक्ति कर रहा छल


बता रहा स्वयं को बुद्धिमान?


मत कर जघन्य पाप


उद्धंडता की होती है हद


पार कर लकीर को


मत कर अवहेलना


बुद्धिमानी के नाम पर


क्या कर रहा इन्सान?


फैला रहा द्वेष और नफ़रत


उगल रहा विषैला ज़हर


समाज हुआ अभिशप्त


ऐसे ही बुद्धिमानों से


न खबर विषय की,


न पहचान दुनिया की,


स्वयं ओढ़कर नकाब


छल रहा समाज को


बनकर अध्यक्ष कभी


किसका कर रहा कल्याण?


घोर अन्याय हो रहा है


न कोई रोक सकता है


न आवाज़ उठा सकता है


जानकर भी हुए अनजान


कमज़ोरों की दुनिया में


बुद्धिजीवी समझ इतराता है ?


 


परिचय-


डॉ. अनिता एस. कर्पर
जन्मतिथि- 12/08/1973
शिक्षा- परास्नातक एवं डॉक्टरेट की उपाधि
व्यवसाय- बेंगलुरु जैन कॉलेज में सह-प्राध्यापिका
रुचि- संगीत एवं नृत्य
सम्मान-
1) डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान


2) महिला साहित्य सृजन सम्मान


3) साहित्य रत्न सम्मान


4) श्रेष्ठ कवयित्री सम्मान


5) आलोक सम्मान


6)साहित्य शिरोमणी सम्मान 


7)नवल सखी साहित्य सम्मान


8)इन्डिया बेस्टीज अवार्डसोसल 


उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


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