इमारत और झोपड़ी (कविता)

इमारत और झोपड़ी



डॉ अवधेश कुमार अवध, मेघालय 


*************************************************


तुम्हारी ऊँची ऊँची इमारतों


और हमारी झोपड़ियों में


आकड़ा है छत्तीस का।


इमारतों ने


लीला है सदैव


झोपड़ियों के हिस्से की धूप।


पंपिंगसेटों ने


हड़प लिए 


कूप और नलकूप।


हवा की बेवफाई भी


कहने लायक नहीं


सिर्फ बिल्डिगों के आस पास


मँडराती है


खुली खिड़की देखकर


हौले से समा जाती है


जब कभी होती है गुस्सा


खो देती है आपा


फिर आँधी बनकर आती है


हमारी झोपड़ियों पर


गुस्सा निकालकर


लौट जाती है।


बारिश के क्या कहने!


इमारतों के तन को भिंगोती है


मन के आँगन में


सपनों को बोती है


बचे हुए अतिरिक्त पानी से


झोपड़ियों को डराती है


अक्सर बहा ले जाती है।


हमारे हिस्से की 


चाँदनी को चाँद 


कहीं और लुटाता है


कभी कभी कनखियों से 


हमारी बदहाली देखने


जरूर आता है।


इसके बावजूद भी


झोपड़ियों से निकलते


खिलखिलाहट के स्वर


अभावों पर विजय करतीं मुस्कुराहटें


एक और एक को मिलाकर


ग्यारह होते सम्बंधों के गुणक


झोपड़ियों को समृद्ध बनाते हैं


इमारतों को निर्धन और बौना


ठहराते हैं।


 


कवि परिचय-


डॉ अवधेश कुमार अवध
पिता का नाम- स्व. शिवकुमार सिंह
जन्मतिथि- 15/01/1974
शिक्षा- परास्नातक एवं प्रशिक्षित स्नातक
व्यवसाय- अभियंता
रुचि- गद्य व पद्य की समस्त प्रचलित विधाओं में सृजन व विविध पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
सम्मान-
1) विद्यावाचस्पति (मानद डॉक्टरेट 2018)
2) शतकवीर सम्मान (मगसम 2019)
3) खरैतीलाल सम्मान (सृजन सरिता 2018)
4) सर्व हिन्दुस्तानी परिषद असम (2019)
5) सोसल मीडिया द्वारा दर्जनों अनमोल सम्मान
उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


हिंदी को समर्पित समस्त प्रकार की खबरों, कार्यक्रमों तथा मिलने वाले सम्मानों की रिपोर्ट/फोटो/वीडियो हमें pragyasahityahindisamachar@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ कविता प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपनी मौलिक कविताएं हमें pragyasahityahindi@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ लेख प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपने लेख भेजने हेतु 09027932065 पर संपर्क करें।


प्राज्ञ साहित्य की प्रति डाक से प्राप्त करने व वार्षिक सदस्यता प्राप्त करने के लिये 09027932065 पर संपर्क कर हमारा सहयोग करें।


'प्राज्ञ साहित्य' परिवार का हिस्सा बनने के लिए 09027932065 पर संपर्क करें।