प्रभात (कविता)

प्रभात



हिन्दी जुड़वाँ*,  नई दिल्ली, भारत 


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परिधान पहनकर श्याम रंग का, 


शुरू हुआ, कीट, पतंग, भंवर गान।


लगे झूमने चारों ओर तुम्हारे, 


फूल जूही का तुमको मान।। 


रवि भी किरणों संग आया l


देख हिमाकर भी हरसाया ll


महक उठी बसंत की डाली


बोल मेरी पीक मतवाली l


चहूँ ओर तेरा ही रूप प्रतिरूप


मिला जहां नजर डाली ll


बोल उठी मन:वेदना मेरी 


नवल रूप में जग रही आली l


चमक उठा हिमाकर स्वेत 


देख भू पर डाली डाली ll


सयुंक्त वंचना में रमणीय


हरित हर्षित दोनों  खिले l


ज्यों अवनी क्षितिज मिले ll


मैं क्यों रहूँ वंचित  प्रिय


खिली जगत की फुलकारी l


तुझमें मैं मुझमें तुम बन जाऊँ


अवनी से अम्बर बनूँ तुम्हारी ll


नाग नदियां निर्झर समीर तरु


भव्य खिला गंधपान रूप तेरा l


लौट आओ तुम क्षीर-सागर मेरा ll


लुप्त हुई मन:वेदना, मिटी भ्रांति 


सुगंध हर्षित मानस का नाद हुआ l


अवनी से रवि मिलन अति सौम्य


मिले दोनों, गुंजन प्रभात हुआ ll



 


कवि परिचय-


*हेतराम भार्गव & हरिराम भार्गव

 

हेतराम भार्गव 
शिक्षा - MA हिन्दी, B. ED., NET 8 बार 
हरिराम भार्गव 
शिक्षा - MA हिन्दी, B. ED., NET 8 बार JRF सहित 


माता-पिता - श्रीमती गौरां देवी, श्री कालूराम भार्गव 


प्रकशित रचनाएं - 
जलियांवाला बाग दीर्घ कविता (सह लेखन जुड़वाँ भाई हेतराम हिन्दी जुड़वाँ के साथ - खंड काव्य )
मैं हिन्दी हूँ - राष्ट्रभाषा को समर्पित महाकाव्य (सह लेखन जुड़वाँ भाई हेतराम हिन्दी जुड़वाँ के साथ - महाकाव्य )
आकाशवाणी वार्ता - सिटी कॉटन चेनल सूरतगढ राजस्थान भारत 
कविता संग्रह शीध्र प्रकाश्य - 
यह मेरे पंजाब की धरती (सह लेखन जुड़वाँ भाई हेतराम हिन्दी जुड़वाँ के साथ - महाकाव्य )
तुम क्यों मौन हो - (सह लेखन जुड़वाँ भाई हेतराम हिन्दी जुड़वाँ के साथ - खंड काव्य )  
पत्र - पत्रिकाएँ - शोध जर्नल 
स्त्रीकाल - (यूजीसी लिस्टेड शोध पत्रिका) आजीवन सदस्यता I
अक़्सर - (यूजीसी लिस्टेड शोध पत्रिका) आजीवन सदस्यता I
अन्य भाषा, गवेषणा, इन्द्रप्रस्थ भारती, मधुमति का नियमित पठन I
समाचार पत्र - प्रभात केशरी (राजस्थान का प्रसिद्ध सप्ताहिक समाचार पत्र) में समय समय पर विभिन्न विमर्श पर लेखन I


उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना। 



 

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