आसमान (कविता) - डॉ. अनिता एस. कर्पूर 'अनु'

आसमान



 


डॉ. अनिता एस. कर्पूर 'अनु', बेंगलूरु (कर्नाटक) भारत


*************************************************


नीलवर्ण आसमां, अतिसुंदर


सूरज-दुल्हन झांकती


बादलों के बीचों-बीच


दृश्यांकित है एक चेहरा


वृक्षों की पंक्ति को चीरता


उसका रेशमी अंचल


चूँघट में मुस्कुराता


नूरानी चेहरा


बादलों के बीच


खेल रही दुल्हन


लुका-छिपी स्वयं


कभी शरमाती,


कभी इठलाती


अहा! मनमोहक


तेज प्रकाश-पुंज


उसकी एक मुस्कान


हुए अनगिनत लोग कुर्बान


खडा है जहान उस पर


सब हुए क्रियाशील


हए लोग कर्मशील


पंखेरु भी उड़ने लगे


छोड अपना नीड


जिंदगी हुई सुहानी


सबको लगी मनभावनी


निखर उठा आसमां


मन भर आया


जब हुआ सूर्य अस्त


आयी बिदाई की वेला


फिर भी न पड़ी फीकी दुल्हन


निखर उठा चेहरा-दुल्हन


चांदनी रात में हुई तत्पर


चांद से मिलकर खो गई


दुल्हन फिर नई किरण


 


परिचय-


डॉ. अनिता एस. कर्पर
जन्मतिथि- 12/08/1973
शिक्षा- परास्नातक एवं डॉक्टरेट की उपाधि
व्यवसाय- बेंगलुरु जैन कॉलेज में सह-प्राध्यापिका
रुचि- संगीत एवं नृत्य
सम्मान-
1) डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान


2) महिला साहित्य सृजन सम्मान


3) साहित्य रत्न सम्मान


4) श्रेष्ठ कवयित्री सम्मान


5) आलोक सम्मान


6)साहित्य शिरोमणी सम्मान 


7)नवल सखी साहित्य सम्मान


8)इन्डिया बेस्टीज अवार्डसोसल 


उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


हिंदी को समर्पित समस्त प्रकार की खबरों, कार्यक्रमों तथा मिलने वाले सम्मानों की रिपोर्ट/फोटो/वीडियो हमें pragyasahityahindisamachar@gmail.com पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ कविता प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपनी मौलिक कविताएं हमें pragyasahityahindi@gmail.com पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ लेख प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपने लेख भेजने हेतु 09027932065 पर संपर्क करें।


प्राज्ञ साहित्य की प्रति डाक से प्राप्त करने व वार्षिक सदस्यता प्राप्त करने के लिये 09027932065 पर संपर्क कर हमारा सहयोग करें।


'प्राज्ञ साहित्य' परिवार का हिस्सा बनने के लिए 09027932065 पर संपर्क करें।