'संकट को अवसर में बदलकर किया जा सकता है नव भारत का निर्माण' : आनंदी बेन पटेल
( माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल )
भारत के डाॅ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय,आगरा द्वारा 'प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी एवं उत्तर प्रदेश का ग्रामीण विकास' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (वेबीनार) का आयोजन 25 मई 2020को किया गया। इस वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं माननीय राज्यपाल, उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि संकट को अवसर में बदलकर ही नव भारत का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने आत्मबल से देश और प्रदेश को आगे बढ़ाना है। महामहिम राज्यपाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य ,बजट खेती एवं कुटीर उद्योगों के विकास की संभावना तलाशने पर बल दिया। उन्होंने माइग्रेशन कमीशन ( प्रवासी आयोग ) के गठन को भी अच्छा कदम बताया। भविष्य के लिए अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अशोक मित्तल को बधाई देते हुए कठिन समय से शिक्षा लेकर ही कार्य करने की सद्प्रेरणा के साथ अपना संबोधन समाप्त किया।
वेबीनार को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के माननीय उप मुख्यमंत्री प्रो दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 27हजार से अधिक बसों द्वारा प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी सुनिश्चित की गई है। प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर ग्रामीण व्यवस्था के विकास के लिए कटिबद्ध है जिससे पुनः पलायन को रोका जा सके और सुदृढ़ व्यवस्था की निर्मिती हो। इसके लिए बदली हुई परिस्थितियों में घर वापसी कर रहे श्रमिकों को उनकी कुशलता के अनुरुप रोजगार दिलाना, उनके स्वास्थ्य एवं खानपान की प्रभावी व्यवस्था करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही उन्होंने इस वेबीनार के निष्कर्षों से लाभ उठाने की बात कहते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति जी को ऐसे आयोजन के लिए बधाई दी। विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो जी. सी. त्रिपाठी ने वेबीनार को संबोधित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भर राष्ट्र ही दीर्घकाल तक रह सकता है। उन्होंने राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी पर बल देने की बात कही। प्रो त्रिपाठी ने मनरेगा के माध्यम से आधारभूत ढाँचा विकसित करने का सुझाव भी दिया। उनका मानना था कि यदि विचार उचित समय, उचित स्थान पर एवं उचित लोगों द्वारा लागू किया जाए तो उसकी सफलता निश्चित है।
वेबीनार को संबोधित करते हुए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो बी. पी. शर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से अर्थव्यवस्था के स्वदेशी माॅडल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय सर्वेक्षण करवाकर स्थानियता की विशिष्टता के अनुरुप ब्राँड विकसित किए जाएँ जिससे रोजगार सर्जन एवं आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी। वेल्यू एडेड प्रोडक्टस बनाने हेतु प्रशिक्षण केन्द्रों का सुझाव भी प्रो शर्मा जी ने दिया। उन्होंने अपने संबोधन में जैविक कृषि एवं हस्तशिल्प पर आधारित लघु उद्योगों की स्थापना का सुझाव भी दिया। उत्तर प्रदेश -उत्तराखंड आर्थिक परिषद् के अध्यक्ष प्रो रवि श्रीवास्तव ने वेबीनार को संबोधित करते हुए ऐसी प्रभावी प्रणाली विकसित करने का सुझाव दिया जिसका आधार स्थानीय हो। उन्होंने प्रत्येक राज्य में श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात भी कही। प्रवासी श्रमिकों के संबंध में अपने प्रभावी प्रस्तुतीकरण में प्रो श्रीवास्तव ने उनके संबंध में विस्तार से चर्चा की।
वेबीनार के प्रारंभ में अंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अशोक मित्तल जी ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं वेबीनार में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद दिया। तत्पश्चात् वेबीनार की समन्वयक डी एस काॅलेज अलीगढ़ के अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डाॅ. इंदु वार्ष्णेय जी ने विषय प्रवर्तन किया। इंजीनियरिंग संस्थान के निदेशक एवं वेबीनार के तकनीकी समन्वयक प्रो वी. के. सारस्वत एवं उनकी टीम ने वेबीनार में तकनीकी सहयोग किया। आई. क्यू. ए. सी. के निदेशक एवं वेबीनार के आयोजन सचिव प्रो अजय तनेजा ने संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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