महेश्वर जगत हित तांडव नृत्य
उमाकान्त "प्राज्ञहंस", कासगंज (उ0प्र0) भारत
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पाणिनी ओम जाप कर रहे
हर्षित हो, मुस्काए महेश त्रिपुरारी।
देख, शंभू दर्शन दे रहे
पाणिनी के नेत्रों में, उत्साह है भारी।
गले में नाग लिपट रहे
बदन पर भस्म, पर होठों पर है लाली।
हाथ में डमरु, पैरों में घुंघरू दिख रहे
जटाओं में शशि की आभा है निराली।
हर्षित नटराज नृत्य कर रहे
विस्मित हो पाणिनी, बजाने लगे ताली।
तईया तई-तईया तई,पैर उठ रहे
घुंघरू की छम-छम मानो दे रही ताल ही।
डम डम डमरू शिवजी बजाए रहे
पाणिनि मुस्काए, प्रभु उपकार कर रहे भारी।
पाणिनि को माहेश्वर सूत्र मिल रहे
नृत्य में लीन, जब-जब डमरू बजाएं त्रिपुरारी।
नटराज नवपंच बेर डमरू बजात रहे
तांडव नृत्य करत मुस्काएं अस्थिमाली।
डम डम डम करे डमरु डम अच्।
अइउण्, ऋलृक्, एओङ्, ऐऔच्।।
डम डम तांडव करत उन्मत्तवेष।
हयवरट्, लण्, ञमङणनम्, झभञ्, घभधष्।।
डम डम करत वर्णजाल देत मृत्युंजय।
जबगडदश्, खफछठथचटतव्, कपय्।।
करत उमाकांत नृत्य हित जगत सकल।
शेष डम डम थे शषसर्, हल्, पाणिनी का पुण्य फल।।
यह तांडव नृत्य नटराज कृत्य।
पाणिनी प्रदत्त वाणी-वर्ण का है अमर सत्य।।
कवि परिचय-
उमा कान्त "प्राज्ञहंस"
●शिक्षा- परास्नातक, नेट एवं एम0फिल0, पी0एच0डी0(कार्यरत)
●कार्यक्षत्र- सहायक आचार्य, स्वामी केशवानन्द महाविद्यालय, लक्ष्मणगढ़, अलवर (राजस्थान) भारत
●संपादक व प्रकाशक- 'प्राज्ञ साहित्य' (अंतरराष्ट्रीय संदर्भित त्रैमासिक हिंदी शोध एवं प्रचार पत्र)
●प्रकाशक- 'प्राज्ञ साहित्य' (प्रकाशन)
●अध्यक्ष- परम भूप मणि वन्य विकास संगठन
●पूर्व संचालक- अभिमन्यु दल (स्काउट)
●ग्यारह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों व आठ राष्ट्रीय सम्मेलनों/संगोष्ठियों में पत्रवाचन।
●रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला, तेजपुर, असम (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा आयोजित एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला के मुख्य वक्ता एवं एकल संचालक के रूप में वैज्ञानिकों, अधिकारियों, सीनियर रिसर्च फैलोशिप एवं जूनियर रिसर्च फैलोशिप के समक्ष एकल संचालन।
●विभिन्न सामाजिक कार्यों में सराहनीय योगदान हेतु डब्ल्यूएचओ-यूनिसेफ, विश्व बैंक, डीआरडीओ, गूगल सहित अनेकों संस्थाओं द्वारा सम्मान व प्रमाण पत्र।
●रुचि- गद्य व पद्य की समस्त प्रचलित विधाओं में सृजन।
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