लड़ेंगे हम कोरोना से (कविता) -डॉ. हरीश कुमार शर्मा

लड़ेंगे हम कोरोना से



डॉ. हरीश कुमार शर्मा, ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) 


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लड़ेंगे हम कोरोना से, विजय पाकर रहेंगे हम। 


जगत को आत्मबल की शक्ति, दिखलाकर रहेंगे हम। 


भयंकर यह समय का शाप है, मुश्किल घड़ी भारी;


कुटिल यह चक्र भेदेंगे, विजय-गाथा लिखेंगे हम। 


नहीं यह जोश का है समय, खोना होश न हमको;


सजगता, मन की दृढ़ता से, लड़ाई जीत लेंगे हम।


विजय की आश ले, हैं जूझते योद्धा कोरोना के;


कठिन उनके परिश्रम को सफल करके रहेंगे हम।


विश्व पर घोर संकट ले, महामारी यह आई है;


करेंगे सामना मिलकर, नहीं भयभीत होंगे हम।


न हिम्मत हारनी हमको, न अपना धैर्य खोना है;


आज का कष्ट, कल सुंदर बनाने को सहेंगे हम।


बहुत संकट सहे हैं हमने, इससे भी बड़े भारी।


सदा हम जीतते आए, इसे भी जीत लेंगे हम।


 


कवि परिचय-


डॉ. हरीश कुमार शर्मा
कार्य क्षेत्र - प्रोफेसर- हिन्दी विभाग (पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं भाषा संकायाध्यक्ष), राजीव गांधी विश्वविद्यालय, रोनो हिल्स, दोइमुख (ईटानगर), अरुणाचल प्रदेश,
रुचि- गद्य व पद्य की समस्त प्रचलित विधाओं में सृजन व विविध पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


 


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