मेरा राम (कविता) - डॉ सुरीति रघुनन्दन

मेरा राम



डॉ सुरीति रघुनन्दन, रोज़ हिल मॉरीशस


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मानव मूल्यों को
लपेटे ।
हृदय में सदाचरण
को समेटे ।
वही पुरुष ही
मेरा राम ।
अग्नि-परीक्षा
ना ले जो-
बस विश्वास
करे प्रेम पर
वही पुरुष मेरा
राम ।


ना शबरी 
सी उदारता
ना ही सीता सा
धैर्य
मुझको जो मुझ सा
समझे
वही
पुरुष मेरा राम ।


मानव में छिपे
राम-रावण
अच्छाई का राम
बुराई का रावण
करना है हमें
स्वयं ही वरण ।
माने जो स्त्री को 
मानव
जीते उसका अंतर्मन 
वही पुरुष मेरा राम।


 


परिचय-


डॉ सुरीति रघुनन्दन
कार्यक्षेत्र-हिंदी शिक्षिका (मॉरीशस)


प्रकाशित कृतियाँ-
'हमारे वृद्धजन हमारी शक्ति'
( कहानी संग्रह )


'अपनी-अपनी मंज़िलें'
( काव्य संग्रह )


'कागज़ की ज़िंदगी'
( ग़ज़ल संग्रह )


साहित्यिक कविसम्मेलन एवमं गोष्ठियों में काव्यपाठ 1993- 2004


आकाशवाणी आगरा तथा चंडीगढ़ से रचनाओं का प्रसारण


2005 से मॉरीशस ब्रॉड कास्टिंग सेंटर के आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से कार्यक्रमो का प्रसारण 


विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में पत्र वाचन राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन ।


'विदुषी' सम्मान से सम्मानित कथा यू.के लंदन द्वारा ।


 


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