ऊर्जा प्रदान करने वाली भारत की देवी शक्ति स्त्रियां






ऊर्जा प्रदान करने वाली भारत की देवी शक्ति स्त्रियां (लेख)



डॉ. मंजू रानी, दिल्ली, भारत 


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आज एक तरफ विभिन देशों में कोरोना जैसी महामारी पैर पसार रही है तो वहीं दूसरी तरफ चारदीवारी में सिमटी हुई भारत की स्त्रियां अपने आशियाने में अपने बच्चों और अन्य संबंधों को सहज रही हैं। परिंदों की तरह उड़ने वाली एक स्त्री आज अपने पंखों की उड़ान समेट अपने घोंसले में फैला उस ओट में अपने परिवार के सभी संबंध जैसे बहू ,पत्नी ,मां आदि के विभिन्न रूपों को बहुत ही सुंदर तरीके से सहेज कर रख रही है। घर में जब एक स्त्री नहीं होती तो पूरा घर ,घर की अलमारियां किचन, आंगन प्रत्येक सामान अपनी जगह पर नहीं होता, लेकिन एक स्त्री के होने पर सब चीजें अपनी जगह पर रखी होती है मानो सब चीजों को अपना सही स्थान दिलाने में स्त्री का बहुत बड़ा योगदान होता है, साथ ही आज कोरोना जैसे वायरस से अपने घर के सीमित सामानों में आसीमता लाकर  सकारात्मक सोच के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ कर रही है। आज घर में रहने वाली सास उसे अपनी मां के समान दिख रही है और बहुत सारे गुण जो कभी वह अपनी मां में देखा करती थी, आज वह नजर आ रहे हैं। एक तरफ कोरोना बीमारी और निराशा जन्म ले रही है तो दूसरी तरफ संबंधों में आशावान होना इस महामारी के चलते हुए देखने को भी मिल रहा है। स्त्री जो संबंध अपनी व्यस्ता भरे, नौकरी पेशा जीवन में नहीं कर पाती थी या वह स्त्री अपनी सही भूमिका नहीं निभा पा रही थी। आज अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य को भरपूर समय दे रही हैं, लूडो, ताश आदि खेलों के माध्यम से अपनापन जाहिर कर रही है। जल्दी बनने वाले व्यंजन बर्फी जलेबी ,पकोड़े आदि से वह अपने घर में ही शाही भोज का आनंद और सकून दे रही है। स्त्री अपनी ऊर्जा की दैवीय शक्ति से अपने घर को प्रकाशवान, ऊर्जावान कर रही है।


 


परिचय-


डॉ. मंजू रानी

कार्य क्षेत्र - अस्सिस्टेंट प्रोफेसर, दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली


 


 


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