श्रमिकों की रहे सुरक्षित जान जरुरी है (कविता) - अशोक कुमार जाखड़ "निस्वार्थी"

श्रमिकों की रहे सुरक्षित जान जरुरी है



अशोक कुमार जाखड़ "निस्वार्थी", झज्जर (हरियाणा) भारत


*************************************************


आज जगत का आधुनिक
                        निर्माण जरुरी है।
श्रमिकों की रहे सुरक्षित
                        जान जरुरी है। 


 


कर्तव्य पालन प्रशिक्षण का
                          ज्ञान जरुरी है।
कार्य स्थल के जोखिम की
                      पहचान जरुरी है।
श्रमिकों की रहे सुरक्षित 
‌                 जान जरुरी है।


 


सुरक्षा उपकरणों का हर
                      सामान जरुरी है।
तेल गैस बारुद डियुटी में
                        ध्यान जरुरी है।
श्रमिकों की रहे सुरक्षित 
                      जान जरुरी है।  



                         
दुर्घटना रहित संयत्र का
                        स्थान जरुरी है।
दुर्घटना में भरपाई का 
                       भुगतान जरुरी है।
 श्रमिकों की रहे सुरक्षित
                       जान जरुरी है।   


 


शुद्ध पानी वायु मार्ग और
                          उद्यान जरुरी है।
श्रमिकों को रोटी कपड़ा 
                        मकान जरुरी है। 
श्रमिकों की रहे सुरक्षित 
                      जान जरुरी है।  


 


बच्चों के लिये शिक्षा का
                        संस्थान जरुरी है।
उपचार दवाई यातायात  
                          यान जरुरी है।
श्रमिकों की रहे सुरक्षित 
                     जान जरुरी है।  


 


श्रमिक और प्रबन्धन मेल
                      मिलान जरुरी है।
"जाखड़" विश्व गुरु भारत
                       महान जरुरी है।
श्रमिकों की रहे सुरक्षित 
                     जान जरुरी है। 


 


कवि परिचय-


अशोक कुमार जाखड़ "निस्वार्थी"


कार्य क्षेत्र - सी आई एस एफ (रिटायर्ड)


उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


 


हिंदी को समर्पित समस्त प्रकार की खबरों, कार्यक्रमों तथा मिलने वाले सम्मानों की रिपोर्ट/फोटो/वीडियो हमें pragyasahityahindisamachar@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ कविता प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपनी मौलिक कविताएं हमें pragyasahityahindi@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ लेख प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपने लेख भेजने हेतु 09027932065 पर संपर्क करें।


प्राज्ञ साहित्य की प्रति डाक से प्राप्त करने व वार्षिक सदस्यता प्राप्त करने के लिये 09027932065 पर संपर्क कर हमारा सहयोग करें।


'प्राज्ञ साहित्य' परिवार का हिस्सा बनने के लिए 09027932065 पर संपर्क करें।