वीर जवान (कविता) - प्रिया रॉय

वीर जवान



प्रिया रॉय, त्रिपुरा, भारत 


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चीर के निकले वीर जवान
जब देखा भारत पर आन
वीरो ने रक्त बहाया
जब जब भारत पर खतरा आया 


वीरों ने तब ठाना मन में
खदेड़ देंगे हर मुसीबतों को
ऊंची हिमालय की चोटी पर लहराएंगे
हम तिरंगे की शान बढ़ाएंगे


रक्त से सीच कर अंकुर से निकलकर
आगे बढ़ने का मार्ग अपनाया है
भारत मां के आन के खातिर
वीरों ने रक्त बहाया है।


 


परिचय-


प्रिया राय
कार्य क्षेत्र - हिंदी अध्यापिका, भवंस त्रिपुरा विद्या मंदिर विद्यालय, त्रिपुरा
कविताएं- देश भक्ति, अपना पराया, विदाई बेला, दीपावली, होली आदि 
रुचि- गद्य व पद्य की समस्त प्रचलित विधाओं में सृजन व विविध पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


 


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