रेखाओं में मज़दूर (कविता) - मीनाक्षी डबास
रेखाओं में मज़दूर


मीनाक्षी डबास, नई दिल्ली, भारत


*************************************************



सड़क किनारे बैठा चित्रकार,
खींच रहा रेखाएँ बार- बार। 
कोरे कागज़ पर गढ़ता, 
मजदूर का हूबहू साँचा। 


मजदूर का भी होगा गुणगान,
बनेगा किसी प्रदर्शनी की शान। 
क्या, होगा संभव मजदूर को रेखाओं में ढालना?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है। 


सिलवटें जो बनी उस मस्तक का श्रृंगार,
अभावों ,चिंताओं का लगा ढेर अंबार। 
पसीना ही तो उस माथे का गहना,
क्या, होगा संभव रेखाओं से ये सत्य कहना?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है।


मृत स्वप्नों का होता रोज़ व्यापार, 
ढालता खुद को मजबूरियों में हर बार। 
आँखों से बहती गहरी चिर उदासी,
कौन सी रेखा होगी उसकी साक्षी?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है।


भूखा -प्यासा उसका पेट भी बोले , 
रात को रोटी पके ,बस ये सोचे। 
सूखे अधर, खाली उदर का फ़साना,
क्या, होगा संभव रेखाओं में बुन पाना?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है।


दो हाथ लिए एक लौह कुदाल,
करता प्रस्तर पर प्रहार हज़ार। 
तोड़ रहा ज्यों लाचारी की  श्रृंखला,
क्या होगा संभव रेखाओं से कथा ये कहना?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है।


सूखे वृक्ष सम पाँव भू पर धरता,
सौंदर्य के नए प्रतिमान वो गढ़त्ता। 
संघर्ष कथा नित नव लिखता, 
रेखाएँ कहाँ बांध पाएँगी ये जीवटता?
यही प्रश्न कुरेदता मन बार- बार है।



 


परिचय-


मीनाक्षी डबास


कार्यक्षेत्र- प्रवक्ता हिन्दी, राजकीय सह शिक्षा विद्यालय पश्चिम विहार शिक्षा निदेशालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली। 


प्रकाशित रचनाएं - घना कोहरा, बारिश की बूंदे, मेरी सहेलियाँ, मन का दरिया, खो रही पगडंडियाँ। 


उद्देश्य - हिन्दी भाषा का प्रशासकीय स्तर पर प्रथम कार्यालयी भाषा बनाने हेतु प्रचार प्रसार l


 


 


हिंदी को समर्पित समस्त प्रकार की खबरों, कार्यक्रमों तथा मिलने वाले सम्मानों की रिपोर्ट/फोटो/वीडियो हमें pragyasahityahindisamachar@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ कविता प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपनी मौलिक कविताएं हमें pragyasahityahindi@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ लेख प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपने लेख भेजने हेतु 09027932065 पर संपर्क करें।


प्राज्ञ साहित्य की प्रति डाक से प्राप्त करने व वार्षिक सदस्यता प्राप्त करने के लिये 09027932065 पर संपर्क कर हमारा सहयोग करें।


'प्राज्ञ साहित्य' परिवार का हिस्सा बनने के लिए 09027932065 पर संपर्क करें।