तेरे आने से
प्रीति चौधरी"मनोरमा", बुलंदशहर (उ०प्र०) भारत
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तेरे आने से खुशनुमा हर बात हो गयी,
लुभावनी सारी ये कायनात हो गयी।
कलियाँ खिल उठीं दिल के गुलिस्तान में,
जैसे शहनाई बज उठी हो खाली मकान में,
जैसे पर लग गए हों मन की उड़ान में,
तेरे आने से पूर्णिमा हर रात हो गयी,
तेरे आने से खुशनुमा हर बात हो गयी।
चाहतों की फुहार जो पड़ी बदन पर,
बरसात हुई हो ज्यों शुष्क चमन पर,
इत्र सी बिखर गई नशीली पवन पर,
तेरे आने से जन्नत मेरे साथ हो गयी,
तेरे आने से खुशनुमा हर बात हो गयी।
नयनों ने नयनों का किया है चुम्बन,
स्वप्नों ने हक़ीक़त का किया है आलिंगन,
बढ़ रहा है बैचेनी से हृदय का स्पंदन,
तेरे आने से ख़्वाहिशों की बरसात हो गयी,
तेरे आने से खुशनुमा हर बात हो गयी।
अधरों ने किया ओष्ठ पंखुड़ियों का पान,
कलिका पर मंडराए भ्रमर बड़ा बेईमान,
पूर्ण हो रहा है दो दिलों का अरमान,
तेरे आने से ज़िंदगी प्यार के जज़्बात हो गयी,
तेरे आने से खुशनुमा हर बात हो गयी।
परिचय-
शिक्षा– बी०ए०,एम०ए०,बी०एड०,विशिष्ट बी०टी०सी०
कार्यक्षेत्र- अध्यापन
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