ओ पुरवैया के बादलो ठहरो चले कौन से देश..... (गीत) - मीनाकुमारी शुक्ल 'मीनू'

ओ पुरवैया के बादलो ठहरो चले कौन से देश.....


(भाई को समर्पित)



(स्व. श्री श्याममोहन मिश्रा)



मीनाकुमारी शुक्ल 'मीनू', राजकोट (गुजरात) भारत 


*************************************************


ओ पुरवैया के बादलो ठहरो चले कौन से देश......
मुझे भी साथ ले चलो या मेरा ले जाओ संदेश.....


गगन में  जाकर  खो गये  मेरे  बाबा,  पापा,  जननी।
ना कोई खबरिया  व्याकुल नैना  जीया हुआ छलनी।
झुलाते  बाँह  में  दे  थपकी   मीठी  नींद  सुलाते  थे।
जब भी होती कभी व्यथित सुना कहानी बहलाते थे।
अन्जान  नगरी में कहाँ छुपे तुम, बना कौन सा वेश।


मुझे भी साथ ले चलो  या  मेरा ले जाओ संदेश.......
ओ पुरवैया के बादलो ठहरो चले कौन से देश..........


ऊपर  जा  कर  छिप  गये  मेरे  बड़े  दीदी  और  भैया।
खेलते   थे   संग  में   मेरे   छुप्पा  -  छुपी   मार  धैया।
पढ़ती लिखती साथ उन्हीं के सिखाते थे कठिन सवाल।
अ आ इ ई, पहाड़े  औ'  गिनती लगती थी बड़ी बवाल।
लौट आओ दोनों  न  दुंगी  मौका  शिकायत  का  लेश।


मुझे भी साथ ले चलो या मेरा ले जाओ संदेश.........
ओ पुरवैया के बादलो ठहरो चले कौन से देश..........


 


परिचय-


मीनाकुमारी शुक्ल 'मीनू'
पिता का नाम- श्री रामेश्वरप्रसाद मिश्रा  
जन्मतिथि- 05/11/1966
शिक्षा- परास्नातक 
कार्य क्षेत्र - पूर्व शिक्षिका 
रुचि- गद्य व पद्य की समस्त प्रचलित विधाओं में सृजन व विविध पत्र पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन
उद्देश्य- हिंदी को लोकप्रिय राष्ट्रभाषा बनाना


 


 


हिंदी को समर्पित समस्त प्रकार की खबरों, कार्यक्रमों तथा मिलने वाले सम्मानों की रिपोर्ट/फोटो/वीडियो हमें pragyasahityahindisamachar@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ कविता प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपनी मौलिक कविताएं हमें pragyasahityahindi@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 09027932065 पर भेजें।


'नि:शुल्क प्राज्ञ लेख प्रचार योजना' के अंतर्गत आप भी अपने लेख भेजने हेतु 09027932065 पर संपर्क करें।


प्राज्ञ साहित्य की प्रति डाक से प्राप्त करने व वार्षिक सदस्यता प्राप्त करने के लिये 09027932065 पर संपर्क कर हमारा सहयोग करें।


'प्राज्ञ साहित्य' परिवार का हिस्सा बनने के लिए 09027932065 पर संपर्क करे